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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 9: सीता का श्रीराम से निरपराध प्राणियों को न मारने और अहिंसा-धर्म का पालन करने के लिये अनुरोध
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श्लोक 16
श्लोक
3.9.16
पुरा किल महाबाहो तपस्वी सत्यवान् शुचि:।
कस्मिंश्चिदभवत् पुण्ये वने रतमृगद्विजे॥ १६॥
अनुवाद
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महाबाहो! वह पवित्र और सत्यवादी तपस्वी किसी पुण्य वन में रहते थे, जहाँ मृग और पक्षी ख़ुशी से रहते थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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