श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 9: सीता का श्रीराम से निरपराध प्राणियों को न मारने और अहिंसा-धर्म का पालन करने के लिये अनुरोध  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  3.9.14 
 
 
त्वं हि बाणधनुष्पाणिर्भ्रात्रा सह वनं गत:।
दृष्ट्वा वनचरान् सर्वान् कच्चित् कुर्या: शरव्ययम्॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  तुम अपने भाई के साथ धनुष-बाण लिए वन में आए हो। यह संभव है कि सभी वनवासी राक्षसों को देखकर आप उन पर अपने बाण चला दोगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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