श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 9: सीता का श्रीराम से निरपराध प्राणियों को न मारने और अहिंसा-धर्म का पालन करने के लिये अनुरोध  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  3.9.11 
 
 
एतन्निमित्तं च वनं दण्डका इति विश्रुतम्।
प्रस्थितस्त्वं सह भ्रात्रा धृतबाणशरासन:॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  इस उद्देश्य से आप अपने भाई के साथ धनुष-बाण लेकर दण्डकारण्य नामक वन की ओर प्रस्थान कर चुके हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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