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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 8: प्रातःकाल सुतीक्ष्ण से विदा ले श्रीराम,लक्ष्मण, सीता का वहाँ से प्रस्थान
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श्लोक 6
श्लोक
3.8.6
त्वरामहे वयं द्रष्टुं कृत्स्नमाश्रममण्डलम्।
ऋषीणां पुण्यशीलानां दण्डकारण्यवासिनाम्॥ ६॥
अनुवाद
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हम पुण्यात्मा ऋषियों के दण्डकारण्य में स्थित सम्पूर्ण आश्रममण्डल के दर्शन को आतुर हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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