वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 8: प्रातःकाल सुतीक्ष्ण से विदा ले श्रीराम,लक्ष्मण, सीता का वहाँ से प्रस्थान
»
श्लोक 17
श्लोक
3.8.17
एवमुक्तस्तथेत्युक्त्वा काकुत्स्थ: सहलक्ष्मण:।
प्रदक्षिणं मुनिं कृत्वा प्रस्थातुमुपचक्रमे॥ १७॥
अनुवाद
play_arrowpause
उनके ऐसा कहने पर लक्ष्मण सहित श्रीराम ने ‘बहुत अच्छा’ कहते हुए मुनि की परिक्रमा की और वहाँ से प्रस्थान करने की तैयारी की। १७॥
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.