वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना
»
श्लोक 27-28
श्लोक
3.75.27-28
सुग्रीवमभिगच्छ त्वं वानरेन्द्रं नरर्षभ॥ २७॥
इत्युवाच पुनर्वाक्यं लक्ष्मणं सत्यविक्रम:।
कथं मया विना सीतां शक्यं लक्ष्मण जीवितुम्॥ २८॥
अनुवाद
play_arrowpause
तब वह सत्यपराक्रमी श्रीराम बोले - "हे श्रेष्ठ व्यक्ति लक्ष्मण! तुम वानरराज सुग्रीव के पास जाओ। सीता के बिना मैं कैसे जीवित रह सकता हूँ।"
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.