श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना  »  श्लोक 26-27h
 
 
श्लोक  3.75.26-27h 
 
 
हरिर्ऋक्षरजोनाम्न: पुत्रस्तस्य महात्मन:॥ २६॥
अध्यास्ते तु महावीर्य: सुग्रीव इति विश्रुत:।
 
 
अनुवाद
 
  ऋक्षरजा नामक महात्मा वानर के पुत्र, महापराक्रमी सुग्रीव उसी स्थान पर रहते थे। उनका नाम सुग्रीव था और वे महावीर के रूप में विख्यात थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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