तिलक, बिजौरा, वट, सफेद चंपक, फूले हुए करवीर, खिला हुआ पुष्पित नागकेसर, मालती, कुन्द की झाड़ियाँ, भंडीर (बरगद), निचुल, अशोक, सप्तपर्ण, कतक, अतिमुक्तक तथा अन्य नाना प्रकार के वृक्षों से सुसज्जित पम्पा नदी भाँति-भाँति की वस्त्रभूषा से सजी हुई युवती के समान दिखाई दे रही थी। उसी के तट पर विविध धातुओं से मण्डित पूर्वोक्त ऋष्यमूक नाम से विख्यात पर्वत सुशोभित था। उसके ऊपर फूलों से भरे हुए विचित्र वृक्ष शोभा दे रहे थे।