स तां दृष्ट्वा तत: पम्पां राम: सौमित्रिणा सह।
विललाप च तेजस्वी रामो दशरथात्मज:॥ २२॥
अनुवाद
जब श्रीराम ने सुमित्रा कुमार लक्ष्मण के साथ मनोहर पम्पा सरोवर को देखा, तो सीता के वियोग की टीस से उनका हृदय व्यथित हो गया। अतः वे तेजस्वी दशरथ नंदन श्रीराम वहीं विलाप करने लगे।