श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  3.75.21 
 
 
अरविन्दोत्पलवतीं पद्मसौगन्धिकायुताम्।
पुष्पिताम्रवणोपेतां बर्हिणोद‍्घुष्टनादिताम्॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  उस पुष्करिणी में अरविंद और उत्पल के पुष्प खिले हुए थे। पद्म और सौगंधिक जाति के पुष्प शोभा पा रहे थे। उस पुष्करिणी के चारों ओर अमराई के वृक्ष लगे हुए थे और मयूरों का मधुर स्वर गूंज रहा था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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