श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  3.75.20 
 
 
पद्मसौगन्धिकैस्ताम्रां शुक्लां कुमुदमण्डलै:।
नीलां कुवलयोद‍्घाटैर्बहुवर्णां कुथामिव॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  पद्मों की सुगंध से वह शुक्लवर्ण की, कुमुद के समूह से सफेद रंग की और नील कमलों के खिलने से नीले रंग की दिखती थी, मानो वह बहुरंगे कालीन हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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