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श्लोक 20
श्लोक
3.75.20
पद्मसौगन्धिकैस्ताम्रां शुक्लां कुमुदमण्डलै:।
नीलां कुवलयोद्घाटैर्बहुवर्णां कुथामिव॥ २०॥
अनुवाद
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पद्मों की सुगंध से वह शुक्लवर्ण की, कुमुद के समूह से सफेद रंग की और नील कमलों के खिलने से नीले रंग की दिखती थी, मानो वह बहुरंगे कालीन हो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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