श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  3.75.14 
 
 
स तामासाद्य वै रामो दूरात् पानीयवाहिनीम्।
मतङ्गसरसं नाम ह्रदं समवगाहत॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  पम्पा नाम से प्रसिद्ध वह सरोवर पीने योग्य स्वच्छ जल धाराएँ प्रवाहित करने वाला था। श्रीराम दूर देश से चलकर उसके तट पर आये। आकर उन्होंने मतंगसरस नामक कुंड में स्नान किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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