वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 75: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत तथा उन दोनों भाइयों का पम्पासरोवर के तट पर जाना
»
श्लोक 10-11
श्लोक
3.75.10-11
आश्रमात्तु ततस्तस्मान्निष्क्रम्य स विशाम्पति:॥ १०॥
आजगाम तत: पम्पां लक्ष्मणेन सह प्रभु:।
समीक्षमाण: पुष्पाढॺं सर्वतो विपुलद्रुमम्॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
तदनंतर उस आश्रम से निकलकर, प्रजाओं के पालक भगवान् श्रीराम लक्ष्मण के साथ पम्पासरोवर के तट पर पहुँचे। उस मार्ग में चारों ओर अनेकों प्रकार के पुष्पों से लदे हुए वृक्षों की शोभा को निहारते हुए वे आगे बढ़ते गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.