उपवास करने से दुर्बल होने के कारण वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए थे, तब उनके मन की शक्ति से वहाँ सात समुद्रों का जल प्रकट हो गया। वह सप्तसागर तीर्थ आज भी मौजूद है। उसमें सातों समुद्रों के जल मिले हुए हैं। उस जल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।