दनो: सकाशात् तत्त्वेन प्रभावं ते महात्मनाम्॥ १९॥
श्रुतं प्रत्यक्षमिच्छामि संद्रष्टुं यदि मन्यसे।
अनुवाद
‘तपस्वी! मैंने कबंध के मुँह से आपके महात्मा गुरुजनों का वास्तविक प्रभाव सुना है। यदि आप स्वीकार करते हैं तो मैं उनके उस प्रभाव को स्वयं देखना चाहता हूँ’।