यमुनाजी कह रही हैं कि - प्रिय पुत्रों! तुम जामुन, प्रियाल (चिरौंजी), कटहल, बड़, पाकड़, तेंदू, पीपल, कनेर, आम और अन्य वृक्षों को रास्ते में देखोगे। ये धव, नाग केसर, तिलक, नक्तमाल, नील, अशोक, कदम्ब, खिले हुए करवीर, भिलावा, अशोक, लाल चन्दन और मन्दार के वृक्ष हैं। तुम दोनों इन्हें अपने बल से जमीन पर गिराओ या फिर इन पेड़ों पर चढ़ो और इनके अमृत जैसे मीठे फल को खाते हुए यात्रा करो।