वो आपकी प्रिय सती-साध्वी सीता या तो मेरु पर्वत की चोटी पर पहुंचायी गयी हैं या पाताल लोक में प्रवेश करके रखी गयी हैं, वानरों के प्रमुख सुग्रीव समस्त राक्षसों का वध करके उन्हें पुनः आपके पास ला देंगे।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे द्विसप्ततितम: सर्ग:॥ ७२॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें बहत्तरवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ७२॥