स त्वं सीतां समाचक्ष्व येन वा यत्र वा हृता॥ २५॥
कुरु कल्याणमत्यर्थं यदि जानासि तत्त्वत:।
अनुवाद
"अब तुम हमें सीता का पता बताओ। वह इस समय कहाँ है? और उसे कौन कहाँ ले गया है? यदि तुम वास्तव में जानते हो तो सीता का समाचार बताकर हमारा बहुत बड़ा भला कर सकते हो।"