वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 71: कबन्ध की आत्मकथा, अपने शरीर का दाह हो जाने पर उसका श्रीराम को सीता के अन्वेषण में सहायता देने का आश्वासन
»
श्लोक 15-16h
श्लोक
3.71.15-16h
स तु मामब्रवीदिन्द्रो यदा राम: सलक्ष्मण:॥ १५॥
छेत्स्यते समरे बाहू तदा स्वर्गं गमिष्यसि।
अनुवाद
play_arrowpause
इंद्र ने मुझे यह भी बताया था कि जब युद्ध में श्रीराम और लक्ष्मण तुम्हारे हाथ काट देंगे, तो तुम स्वर्ग जाओगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.