श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 70: श्रीराम और लक्ष्मण का परस्पर विचार करके कबन्ध की दोनों भुजाओं को काट डालना तथा कबन्ध के द्वारा उनका स्वागत  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  3.70.9 
 
 
दक्षिणो दक्षिणं बाहुमसक्तमसिना तत:।
चिच्छेद रामो वेगेन सव्यं वीरस्तु लक्ष्मण:॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  भगवान् श्रीराम उसके दाहिने भागमें खड़े थे। उन्होंने अपनी तलवारसे उसकी दाहिनी बाँह बिना किसी रुकावटके वेगपूर्वक काट डाली तथा वाम भागमें खड़े वीर लक्ष्मणने उसकी बायीं भुजाको तलवारसे उड़ा दिया॥ ९॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.