वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 70: श्रीराम और लक्ष्मण का परस्पर विचार करके कबन्ध की दोनों भुजाओं को काट डालना तथा कबन्ध के द्वारा उनका स्वागत
»
श्लोक 13
श्लोक
3.70.13
अयमिक्ष्वाकुदायादो रामो नाम जनै: श्रुत:।
तस्यैवावरजं विद्धि भ्रातरं मां च लक्ष्मणम्॥ १३॥
अनुवाद
play_arrowpause
ये इक्ष्वाकुवंशीय राजा दशरथ जी के पुत्र हैं, जिन्हें लोग श्रीराम जी के नाम से जानते हैं। मुझे उनका छोटा भाई समझो, मेरा नाम लक्ष्मण है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.