श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 70: श्रीराम और लक्ष्मण का परस्पर विचार करके कबन्ध की दोनों भुजाओं को काट डालना तथा कबन्ध के द्वारा उनका स्वागत  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  3.70.13 
 
 
अयमिक्ष्वाकुदायादो रामो नाम जनै: श्रुत:।
तस्यैवावरजं विद्धि भ्रातरं मां च लक्ष्मणम्॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  ये इक्ष्वाकुवंशीय राजा दशरथ जी के पुत्र हैं, जिन्हें लोग श्रीराम जी के नाम से जानते हैं। मुझे उनका छोटा भाई समझो, मेरा नाम लक्ष्मण है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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