श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 7: सीता और भ्राता सहित श्रीराम का सुतीक्ष्ण के आश्रम पर जाकर उनसे बातचीत करना तथा उनसे सत्कृत हो रात में वहीं ठहरना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  3.7.23 
 
 
अन्वास्य पश्चिमां संध्यां तत्र वासमकल्पयत् ।
सुतीक्ष्णस्याश्रमे रम्ये सीतया लक्ष्मणेन च॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  अंतिम संध्याकालीन पूजा करके श्रीराम ने सीता और लक्ष्मण के साथ सुतीक्ष्ण मुनि के सुंदर आश्रम में निवास किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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