वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 7: सीता और भ्राता सहित श्रीराम का सुतीक्ष्ण के आश्रम पर जाकर उनसे बातचीत करना तथा उनसे सत्कृत हो रात में वहीं ठहरना
»
श्लोक 11
श्लोक
3.7.11
उपागम्य च मे देवो महादेव: सुरेश्वर:।
सर्वांल्लोकाञ्जितानाह मम पुण्येन कर्मणा॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
देवताओं के अधिपति महान देव इन्द्र मेरे पास आए और कहा, "तुम्हारे पुण्य कर्मों के फलस्वरूप तुमने सभी शुभ लोकों पर विजय प्राप्त कर ली है।"
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.