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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 69: लक्ष्मण का अयोमुखी को दण्ड देना तथा श्रीराम और लक्ष्मण का कबन्ध के बाहुबन्ध में पड़कर चिन्तित होना
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श्लोक 8
श्लोक
3.69.8
तत: पूर्वेण तौ गत्वा त्रिक्रोशं भ्रातरौ तदा।
क्रौञ्चारण्यमतिक्रम्य मतङ्गाश्रममन्तरे॥ ८॥
अनुवाद
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तदनंतर, ये दोनों भाई पूर्व की दिशा में लगभग तीन कोस चलकर क्रौञ्चारण्य नामक वन को पार करते हुए मतंग मुनि के आश्रम के समीप पहुँच गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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