श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 69: लक्ष्मण का अयोमुखी को दण्ड देना तथा श्रीराम और लक्ष्मण का कबन्ध के बाहुबन्ध में पड़कर चिन्तित होना  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  3.69.36 
 
 
खड‍‍्गिनौ दृढधन्वानौ तिग्मतेजौ महाभुजौ।
भ्रातरौ विवशं प्राप्तौ कृष्यमाणौ महाबलौ॥ ३६॥
 
 
अनुवाद
 
  दोनों भाइयों के हाथों में तलवारें थीं और उनके पास मजबूत धनुष थे। वे दोनों प्रचण्ड तेजस्वी, विशाल भुजाओं से युक्त और महान् बलवान् थे, फिर भी उस राक्षस के द्वारा खींचे जाने पर उन्हें विवशता का अनुभव होने लगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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