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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 69: लक्ष्मण का अयोमुखी को दण्ड देना तथा श्रीराम और लक्ष्मण का कबन्ध के बाहुबन्ध में पड़कर चिन्तित होना
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श्लोक 35
श्लोक
3.69.35
स महाबाहुरत्यर्थं प्रसार्य विपुलौ भुजौ।
जग्राह सहितावेव राघवौ पीडयन् बलात्॥ ३५॥
अनुवाद
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उस महाबाहु राक्षस ने अपनी विशाल भुजाओं को फैलाकर बलपूर्वक उन दोनों रघुवंशी राजकुमारों को एक साथ पकड़ लिया और उन्हें पीड़ा देने लगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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