जैसे ही दोनों भाई श्रीराम और लक्ष्मण उसके करीब पहुँचे, राक्षस उनके रास्ते को रोककर खड़ा हो गया। तब वे दोनों भाई उससे दूर हट गये और बड़े ध्यान से उसे देखने लगे। उस समय वह एक कोस यानी डेढ़ किलोमीटर लंबा दिखाई दिया। उस राक्षस का केवल ऊपरी शरीर ही था, इसलिए उसे कबन्ध कहा जाता था। वह विशाल, हिंसक, भयानक और दो बड़ी-बड़ी भुजाओं वाला था। दिखने में वह बेहद डरावना लग रहा था।