श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 69: लक्ष्मण का अयोमुखी को दण्ड देना तथा श्रीराम और लक्ष्मण का कबन्ध के बाहुबन्ध में पड़कर चिन्तित होना  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  3.69.12 
 
 
भयदामल्पसत्त्वानां बीभत्सां रौद्रदर्शनाम्।
लम्बोदरीं तीक्ष्णदंष्ट्रां करालीं परुषत्वचम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
  वह छोटे-छोटे जीवों के लिए भयावह और दिखने में बेहद भयंकर थी। उसका रूप देखकर घृणा होती थी। उसका पेट लंबा था, दाँत नुकीले थे और त्वचा कठोर थी। वह बहुत ही विकराल दिख रही थी॥ १२॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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