जटायो यदि शक्नोषि वाक्यं व्याहरितुं पुन:।
सीतामाख्याहि भद्रं ते वधमाख्याहि चात्मन:॥ ४॥
अनुवाद
(श्रीराम लक्ष्मण से कह कर उस पक्षी से बोले -) हे जटायु, यदि आप दोबारा बोल सकते हैं तो यह आपके लिए अच्छा है। मुझे बताओ, सीता की क्या स्थिति है? और तुम्हारी हत्या कैसे हुई?