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श्लोक 36
श्लोक
3.68.36
शास्त्रदृष्टेन विधिना जलं गृध्राय राघवौ।
स्नात्वा तौ गृध्रराजाय उदकं चक्रतुस्तदा॥ ३६॥
अनुवाद
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रघुकुल के उन दो महापुरुषों ने शास्त्रिक विधि से गृध्रराज की आत्मा की शांति के लिए, गोदावरी नदी में स्नान किया और फिर जल अर्पित किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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