श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 68: जटायु का प्राण-त्याग और श्रीराम द्वारा उनका दाह-संस्कार  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  3.68.24 
 
 
सर्वत्र खलु दृश्यन्ते साधवो धर्मचारिण:।
शूरा: शरण्या: सौमित्रे तिर्यग्योनिगतेष्वपि॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  संपूर्ण संसार में सभी जगह अच्छे लोग, धार्मिक लोग देखे जाते हैं। यहाँ तक कि पशु-पक्षियों की योनियों में भी उनकी कमी नहीं है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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