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श्लोक 17
श्लोक
3.66.17
अदृष्टगुणदोषाणामध्रुवाणां तु कर्मणाम्।
नान्तरेण क्रियां तेषां फलमिष्टं च वर्तते॥ १७॥
अनुवाद
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अदृष्ट गुण-दोष वाले और अस्थायी कर्मों का शुभ या अशुभ फल बिना उन्हें किए प्राप्त नहीं होता।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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