श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 66: लक्ष्मण का श्रीराम को समझाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  3.66.16 
 
 
तत्त्वतो हि नरश्रेष्ठ बुद्धॺा समनुचिन्तय।
बुद्धॺा युक्ता महाप्राज्ञा विजानन्ति शुभाशुभे॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  नरश्रेष्ठ! तत्वतः (सत्य और वास्तविकता के आधार पर) बुद्धि के द्वारा सम्यक रूप से विचार करो। बुद्धि से युक्त महाज्ञानी ही शुभ और अशुभ (कर्तव्य और अकर्तव्य, उचित और अनुचित) को भली प्रकार जानते हैं॥१६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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