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श्लोक 13
श्लोक
3.66.13
शक्रादिष्वपि देवेषु वर्तमानौ नयानयौ।
श्रूयेते नरशार्दूल न त्वं शोचितुमर्हसि॥ १३॥
अनुवाद
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श्रेष्ठ पुरुष! इंद्र और अन्य देवों को भी नीति और अनैतिकता के कारण सुख और दुख की प्राप्ति होती हुई देखी जाती है, इसलिए आपको शोक नहीं करना चाहिए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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