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सर्ग 66: लक्ष्मण का श्रीराम को समझाना
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श्लोक 10
श्लोक
3.66.10
या चेयं जगतो माता सर्वलोकनमस्कृता।
अस्याश्च चलनं भूमेर्दृश्यते कोसलेश्वर॥ १०॥
अनुवाद
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कोसलेश्वर! इस विश्व का पूजन करने वाली यह जगन्माता पृथ्वी है, इसका भी हिलना-डुलना देखा जाता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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