यदि नेक नीति, राजनीति, विनय और न्याय के अनुसार प्रयास करने के बाद भी सीता का पता नहीं चल पाता, तो हे नरेंद्र! आप स्वर्णिम पंखों वाले इंद्र के वज्र के समान तीरों से समस्त लोकों का नाश कर डालें।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे पञ्चषष्टितम: सर्ग: ॥ ६ ५॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें पैंसठवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ६ ५॥