श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 64: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज, आभूषणों के कण और युद्ध के चिह्न देखकर श्रीराम का देवता आदि सहित समस्त त्रिलोकी पर रोष प्रकट करना  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  3.64.42 
 
 
तस्या निमित्तं सीताया द्वयोर्विवदमानयो:।
बभूव युद्धं सौमित्रे घोरं राक्षसयोरिह॥ ४२॥
 
 
अनुवाद
 
  सुमित्रा नंदन! सीता के लिए विवाद करते हुए दो राक्षसों के बीच यहाँ भयंकर युद्ध भी हुआ है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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