श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 64: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज, आभूषणों के कण और युद्ध के चिह्न देखकर श्रीराम का देवता आदि सहित समस्त त्रिलोकी पर रोष प्रकट करना  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  3.64.39 
 
 
पश्य लक्ष्मण वैदेह्या कीर्णा: कनकबिन्दव:।
भूषणानां हि सौमित्रे माल्यानि विविधानि च॥ ३९॥
 
 
अनुवाद
 
  हे लक्ष्मण! देखो, वैदेही सीता के आभूषणों में लगे हुए सोने के घुंघरू बिखरे पड़े हैं। हे सुमित्रा के पुत्र! उसके तरह-तरह के हार भी टूटे पड़े हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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