श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 64: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज, आभूषणों के कण और युद्ध के चिह्न देखकर श्रीराम का देवता आदि सहित समस्त त्रिलोकी पर रोष प्रकट करना  »  श्लोक 1-2h
 
 
श्लोक  3.64.1-2h 
 
 
स दीनो दीनया वाचा लक्ष्मणं वाक्यमब्रवीत्।
शीघ्रं लक्ष्मण जानीहि गत्वा गोदावरीं नदीम्॥ १॥
अपि गोदावरीं सीता पद्मान्यानयितुं गता।
 
 
अनुवाद
 
  उसके बाद दीन हुए श्री रामचन्द्रजी ने लक्ष्मण से दीनता से भरे स्वर में कहा, "लक्ष्मण! तुम तुरंत गोदावरी नदी के किनारे जाकर पता लगाओ कि क्या सीता कमल लेने के लिए गई थीं।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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