स दीनो दीनया वाचा लक्ष्मणं वाक्यमब्रवीत्।
शीघ्रं लक्ष्मण जानीहि गत्वा गोदावरीं नदीम्॥ १॥
अपि गोदावरीं सीता पद्मान्यानयितुं गता।
अनुवाद
उसके बाद दीन हुए श्री रामचन्द्रजी ने लक्ष्मण से दीनता से भरे स्वर में कहा, "लक्ष्मण! तुम तुरंत गोदावरी नदी के किनारे जाकर पता लगाओ कि क्या सीता कमल लेने के लिए गई थीं।"