स राजपुत्र: प्रियया विहीन:
शोकेन मोहेन च पीडॺमान:।
विषादयन् भ्रातरमार्तरूपो
भूयो विषादं प्रविवेश तीव्रम्॥ १॥
अनुवाद
श्री राम अपनी प्रिय पत्नी सीता से रहित होने के कारण शोक और मोह से पीडित होने लगे। वे स्वयं तो दुखी थे ही, अपने भाई लक्ष्मण को भी विषाद में डालते हुए पुनः तीव्र शोक में मग्न हो गये।