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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 9-10h
श्लोक
3.62.9-10h
हा ममार्ये क्व यातासि हा साध्वि वरवर्णिनि॥ ९॥
हा सकामाद्य कैकेयी देवि मेऽद्य भविष्यति।
अनुवाद
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हे मेरी आर्ये (आदरणीया सीते)! आप कहाँ चली गईं? हे साध्वी! हे वरवर्णिनि! आप कहाँ गईं? हे देवी! आज कैकेयी सफलमनोरथ हो जाएगी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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