श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 62: श्रीराम का विलाप  »  श्लोक 17-18
 
 
श्लोक  3.62.17-18 
 
 
अम्बा च मम कैकेयी सुमित्रा च त्वया विभो॥ १७॥
कौसल्या च यथान्यायमभिवाद्या ममाज्ञया।
रक्षणीया प्रयत्नेन भवता सूक्तचारिणा॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  हे विभो! मेरी माताएँ कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को प्रतिदिन नियमानुसार प्रणाम करके उनकी रक्षा करना और हमेशा उनकी आज्ञा के अनुसार ही चलना, यही मेरा तुम्हें आदेश है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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