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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 11-12h
श्लोक
3.62.11-12h
निर्वीर्य इति लोको मां निर्दयश्चेति वक्ष्यति॥ ११॥
कातरत्वं प्रकाशं हि सीतापनयनेन मे।
अनुवाद
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सारा संसार मुझे शक्तिहीन और निर्दयी कहेगा। सीता के अपहरण से मेरी कायरता ही सबके सामने आ जाएगी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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