श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 62: श्रीराम का विलाप  »  श्लोक 10-11h
 
 
श्लोक  3.62.10-11h 
 
 
सीतया सह निर्यातो विना सीतामुपागत:॥ १०॥
कथं नाम प्रवेक्ष्यामि शून्यमन्त:पुरं मम।
 
 
अनुवाद
 
  सीता के बिना मैं अपने सूने राजमहल में कैसे जा सकता हूँ, जब कि मैं सीता के साथ ही वहाँ से निकला था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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