श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 61: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज और उनके न मिलने से श्रीराम की व्याकुलता  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  3.61.27 
 
 
एवं स विलपन् राम: सीताहरणकर्षित:।
दीन: शोकसमाविष्टो मुहूर्तं विह्वलोऽभवत्॥ २७॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीरामचन्द्रजी ने सीता हरण के दुख से व्याकुलित होकर विलाप किया और वे अत्यंत दीन और शोक से ग्रस्त होकर कुछ क्षणों के लिए विह्वल हो गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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