श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 61: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज और उनके न मिलने से श्रीराम की व्याकुलता  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  3.61.24 
 
 
प्राप्स्यसे त्वं महाप्राज्ञ मैथिलीं जनकात्मजाम्।
यथा विष्णुर्महाबाहुर्बलिं बद्‍ध्वा महीमिमाम्॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  महामते! जैसे महाबाहु भगवान विष्णु ने राजा बलि को बाँधकर यह पृथ्वी प्राप्त कर ली थी, वैसे ही आप भी मिथिलेशकुमारी जानकी को प्राप्त कर लेंगे। इसी तरह जैसे विष्णु ने बलपूर्वक राजा बलि को बांधकर पृथ्वी प्राप्त कर ली थी, वैसे ही आप भी ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रयोग करके मिथिला नरेश की पुत्री जानकी को जीतकर पत्नी बना लेंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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