श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 61: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा सीता की खोज और उनके न मिलने से श्रीराम की व्याकुलता  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  3.61.23 
 
 
ततो दु:खाभिसंतप्तो लक्ष्मणो वाक्यमब्रवीत्।
विचरन् दण्डकारण्यं भ्रातरं दीप्ततेजसम्॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  तब दुखी हुए लक्ष्मण ने दण्डकारण्य में घूमते-घूमते अपने दमकते हुए तेज वाले भाई से इस प्रकार कहा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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