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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 60: श्रीराम का विलाप करते हुए वृक्षों और पशुओं से सीता का पता पूछना, भ्रान्त होकर रोना और बारंबार उनकी खोज करना
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श्लोक 9
श्लोक
3.60.9
गता विचेतुं पुष्पाणि फलान्यपि च वा पुन:।
अथवा पद्मिनीं याता जलार्थं वा नदीं गता॥ ९॥
अनुवाद
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संभव है, वह फूल-फल लाने के लिए गई हो या किसी कमल की झील या नदी के किनारे जल लाने के लिए गई हो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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