श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 59: श्रीराम और लक्ष्मण की बातचीत  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  3.59.23 
 
 
नहि ते परितुष्यामि त्यक्त्वा यदसि मैथिलीम्।
क्रुद्धाया: परुषं श्रुत्वा स्त्रिया यत् त्वमिहागत:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  मैं तेरे इस कार्य से संतुष्ट नहीं हूँ कि क्रोध में भरी हुई स्त्री की कठोर वाणी सुनकर तूने मैथिली कुमारी को छोड़कर यहाँ आ गया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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