(आश्रम में आने से पहले रास्ते में श्री राम और लक्ष्मण ने आपस में जो बातें की थीं, उन्हें फिर से विस्तार से बता रहे हैं—) सीता के कथनानुसार आश्रम से अपने पास आये हुए सूर्यपुत्र लक्ष्मण से रास्ते में भी रघुकुलनंदन श्री राम ने बड़े दुख से यह बात पूछी—॥ १॥